गाजीपुर। जिले में बिना मान्यता के चल रहे 11 मदरसों का पूरा ब्योरा एटीएस को भेज दिया गया है। अब इन मदरसों के आय के स्रोतों की जांच होगी। ये मदरसे पिछले कई दशक से बिना मान्यता के चल रहे हैं। हालांकि अब ऐसे मदरसों की पहचान कर ली गई है।
इनकी फंडिंग को लेकर एटीएस ने व्योरा मांगा है, इसकी पूरी जानकारी अल्पसंख्यक विभाग ने एटीएस को भेज दिया है। अब एटीएस इन मदरसों के फंडिंग के स्रोतों की जांच करेगी। जनपद में 136 मान्यता प्राप्त मदरसा चलते हैं। इसके अलावा 11 मदरसा बिना मान्यता
के हैं। शासन के आदेश पर अल्पसंख्यक विभाग अब इन मदरसों की सूची एटीएस को भेज दी है। बिना मान्यता के चल रहे मदरसों के बारे में अल्पसंख्यक विभाग को जानकारी है, लेकिन अभी तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि अब शासन ने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है।
एटीएस के जानकारी मिलने के बाद जिले के अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं। बिना मान्यता के संचालित इन मदरसों को लेकर विभाग के स्तर पर कभी भी कार्रवाई नहीं की गई। विभागीय पत्र के मुताविक बिना मान्यता के चल रहे
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मदरसों में अधिकांश दो दशक से अधिक समय पुराने हैं। हालांकि इनमें कुछ ऐसे भी हैं, जो 2018-20 से चल रहे हैं। ये मदरसे चंदे के पैसे से चलते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एक मदरसा तो 1931 से संचालित होना बताया गया है, यहां 92 बच्चे और नौ शिक्षक हैं। संवाद
बिना मान्यता के संचालित मदरसों की सूची एटीएस को भेज दी गई है। मदरसे के प्रबंधकों ने कभी भी मान्यता देने के लिए आवेदन नहीं किया गया। उनके आय के स्रोतों की जांच की जाएगी। सच्चिदानंद तिवारी, जिला
अल्पसंख्यक अधिकारी