मुरादाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग की एक सहायक अध्यापिका के चयन वेतनमान के आदेश की फाइल को बाबू तीन वर्ष तक दबाए बैठा रहा। इसकी वजह से शिक्षिका को दस महीने का एरियर नहीं मिल सका। खंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि संबंधित फाइल मंगलवार को कार्यालय पहुंची है। जल्द ही मामले का निस्तारण किया जाएगा।
मुरादाबाद ग्रामीण ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय उत्तमपुर बहलोलपुर की एक सहायक अध्यापिका का कहना है कि अगस्त 2021 में उनके चयन वेतनमान की प्रक्रिया होनी थी, लेकिन यह प्रक्रिया जून 2022 में हो सकी। इसकी वजह से दस महीनों का एरियर चयन वेतनमान के आदेश मिलने के बाद ही मिल सकता था।
शिक्षिका का आरोप है कि बाबू ने चयन वेतनमान का आदेश नहीं दिया, जबकि इसके एवज में करीब चार हजार रुपये भी ले लिए। तब से वह लगातार विभाग के चक्कर लगा रही थीं। बाबू का स्थानांतरण नगर क्षेत्र में हो गया है। शिक्षिका का कहना है कि वह टाल-मटोल करता रहा। पिछले दिनों इसकी शिकायत शिक्षिका ने विभागीय अधिकारियों से की। इसकी खबर अमर उजाला में 12 नवंबर के अंक में प्रकाशित हुई थी।
खंड शिक्षा अधिकारी वेगीस गोयल ने कहा कि मंगलवार को फाइल उनके कार्यालय में आई है। बाबू का स्थानांतरण हो गया था तो नियमानुसार उसे फाइल दूसरे बाबू को सौंपकर जानी चाहिए थी, लेकिन बाबू ने ऐसा नहीं किया। इसलिए मामले का निस्तारण करने के साथ ही संबंधित बाबू के खिलाफ बीएसए को पत्र लिखा जाएगा।