नवाबगंज। कुरेसर घाट पर दफन किए गए छात्र दिव्यांशु (10) का शव 22 दिन बाद शनिवार को अधिकारियों के सामने कब्र से निकाला गया। पुलिस शव को पोस्टमार्टम भेज दिया। छात्र हादसे में घायल हुआ था। उसके अगले दिन अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। थाना होलागढ़ बाहर खरगापुर निवासी घनश्याम मौर्य का बेटा दिव्यांशु गांव के प्राइमरी पाठशाला में पांचवीं का छात्र था। 25 अक्तूबर की रात तबीयत बिगड़ने पर उसे सोरांव के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

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परिजनों ने बताया कि 25 अक्तूबर को ब्लॉक संसाधन केंद्र होलागढ़ में खेलकूद प्रतियोगिता हुई थी। इसमें दिव्यांशु ने भी हिस्सा लिया था। इस दौरान बाइक की टक्कर वह घायल हो गया। आरोप है कि चोट लगने पर अध्यापकों ने उसे बिस्कुट और पानी पिलाया। यह कहकर घर भेज दिया कि यदि घर में बताया तो स्कूल से नाम काट देंगे।
इससे भयभीत छात्र घर पहुंचने के बाद चोट लगने की बात परिजन से नहीं बताई। 26 अक्तूबर सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसी दिन परिजनों ने नवाबगंज के कुरेसर घाट पर शव दफन कर दिया।
घटना के दूसरे दिन परिजन स्कूल की ओर गए तो लोगों ने बताया कि बाइक की टक्कर से दिव्यांशु घायल हो गया था। इसकी शिकायत परिजनों ने डीएम से की। डीएम के आदेश पर शनिवार को एसीपी सोरांव जंग बहादुर यादव, कोतवाल होलागढ़ सविंद्र तोमर व चौकी प्रभारी डांडी राजेंद्र पाल के सामने शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम को भेजा गया।
मामले की जानकारी कुछ लोगों से मिली थी, लेकिन छात्र के परिजन अथवा किसी अन्य से कोई जानकारी नहीं दी गई। लालजी शर्मा, खंड
शिक्षा अधिकारी, होलागढ़