लखनऊ। चुनावी तैयारियों को परखने के लिए राजधानी के तीन दिवसीय दौरे पर आये भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में विधान सभा चुनाव समय से कराने के संकेत दिए हैं। यह कहते हुए कि सभी राजनीतिक दलों की भी यही मांग है। कोरोना संक्रमण के बढऩे के मद्देनजर आयोग की ओर से उठाये गए एहतियाती कदमों और आगे लागू की जा सकने वाली व्यवस्थाओं का ब्योरा देकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने गुरुवार को इशारा किया कि समय से निष्पक्ष, प्रलोभनमुक्त और कोविड सुरक्षित तरीके से चुनाव कराना आयोग की प्राथमिकता है। यह भी कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव में मतदान की अवधि एक घंटा बढ़ाई जाएगी।
योजना भवन में मीडिया से मुखातिब मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि उप्र में विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को समाप्त हो रहा है। प्रदेश में 403 विधान सभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आयोग ने केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव और राज्य के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य से भी विचार विमर्श किया है। उप्र में 86 प्रतिशत लोगों को कोरोना की पहली और 49 प्रतिशत लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है। इस तरह से लगभग 50 फीसद लोगों का कोरोना टीकाकरण पूरा हो चुका है। अब तक उप्र में ओमिक्रोन संक्रमण के चार मरीज मिले हैं जिनमें से तीन ठीक होकर वापस जा चुके हैं। प्रदेश में ओमिक्रोन का सिर्फ एक सक्रिय केस है। स्थानीय स्तर पर कोरोना संक्रमण की स्थिति, गृह व स्वास्थ्य मंत्रालयों के दिशानिर्देशों और राजनीतिक दलों से मशविरा करने के बाद चुनाव की नई गाइडलाइन्स बनाई जाएंगी। इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। कई राजनीतिक दलों ने चुनाव में रैलियों की संख्या और उसमें आने वाले लोगों की संख्या को सीमित करने की मांग की है।
चुनावी रैलियों को डिजिटल माध्यम से आयोजित करने के विकल्प पर भी आयोग विचार कर रहा है। चुनाव की गाइडलाइन्स को बनाते समय आयोग इन सभी बातों को ध्यान में रखेगा। आयोग की कोशिश है कि चुनाव में वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, महिलाओं, नये मतदाताओं सहित सभी वोटरों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो।
11 हजार बूथ बढ़े : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि कोविड प्रोटोकाल की शारीरिक दूरी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए आयोग ने कई मानकों में बदलाव किया है। एक पोलिंग बूथ पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1500 से घटाकर 1250 कर दी गई है। राज्य में 1,74,351 पोलिंग बूथ स्थापित किए जाएंगे जो पिछले चुनाव से 11,020 अधिक है।
80 वर्ष से अधिक उम्र और दिव्यांगों को घर बैठे मतदान की सुविधा : कोविड की विशेष परिस्थितियों का ख्याल रखते हुए आयोग ने इस बार चुनाव में 80 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग और कोरोना से प्रभावित मतदाताओं को घर बैठे ही पोस्टल बैलेट के विकल्प की सुविधा देगा। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी। वहां राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। इसमें मतदान की गोपनीयता का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।
बूथों पर कोरोना से बचाव के इंतजाम : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि सभी पोलिंग बूथों पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए थर्मल स्कैनर, फेस मास्क, सैनिटाइजर की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गए हैं। सभी मतदान केंद्रों और मतदान कर्मियों के लिए कोविड सुरक्षित प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। मतदान स्थलों पर भीड़ प्रबंधन के लिए प्रवेश/निकास के उचित संकेतांक सुनिश्चित किये जाएंगे। सभी बूथों को कोविड सुुरक्षित सुनिश्चित करने के लिए हेल्थ नोडल अफसर नामित किये जाएंगे।
मतदान कार्मिकों को डबल डोज अनिवार्य : राज्य के सभी मतदान कार्मिकों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेना अनिवार्य है। आयोग के सुझाव के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी चुनाव कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा देने के निर्देश जारी कर दिए है ताकि उनका टीकाकरण प्राथमिकता पर हो जाए। जो मतदान कार्मिक बूस्टर डोज के लिए पात्र होंगे, उन्हें वह भी दी जाएगी।
तीन साल से अधिक समय से तैनात कर्मचारियों का होगा तबादला : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि ऐसे सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का तबादला करने के निर्देश दिये गए हैं जो चुनाव प्रक्रिया से तीन साल से अधिक समय से जुड़े हैं। इसके तहत प्रदेश में अब तक 5000 पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया है। राज्य सरकार से कहा गया है कि वह 31 दिसंबर तक आयोग को तबादला नीति पर अमल का सर्टिफिकेट भेजे।
पक्षपात पर जीरो टालरेंस : बकौल निर्वाचन आयुक्त चुनाव प्रक्रिया से जुड़े अमले को साफतौर पर समझा दिया गया है कि चुनाव में पक्षपात पर आयोग जीरो टालरेंस की नीति अपनाएगा। पक्षपात की शिकायत सही पाये जाने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
52.8 लाख मतदाता बढ़े : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2022 के तहत पांच जनवरी को मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी। विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के दौरान प्रदेश में अब तक 52.8 लाख नए मतदाताओं को मतदाता सूची में शामिल किया गया है। नए मतदाताओं में 23.92 लाख पुरुष और 28.86 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। राज्य में अभी कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 15.02 करोड़ है। 18 से 19 साल की आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या तीन गुणा बढ़ गई है। कुल मतदाताओं में इस आयु वर्ग की हिस्सेदारी 0.51 प्रतिशत से बढ़कर 1.32 प्रतिशत हो गई है। मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद भी नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख तक मतदाता वोटर लिस्ट में अपने नाम जुड़वा सकते हैं।
800 महिला बूथ : महिला मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में कम से कम 800 पोलिंग बूथों पर मतदान कार्मिक और सुरक्षा कर्मियों के रूप में सिर्फ महिलाएं तैनात की जाएंगी।
चुनाव में यह भी
दिव्यांग मतदाताओं को लाने और वापस ले जाने की मुफ्त सुविधा होगी। उनके लिए व्हील चेयर का इंतजाम होगा।
राज्य में स्थापित कम से कम एक लाख पोलिंग बूथों पर वेबकास्टिंग की जाएगी।
प्रदेश में अब तक लगभग 10.64 लाख दिव्यांग वोटर और 80 वर्ष से अधिक आयु के 24.03 लाख मतदाताओं को चिन्हित किया गया है।