नई दिल्ली: बच्चों की शुरूआती शिक्षा के लिए ‘प्ले स्कूल’ की संकल्पना अब शहरों से गांव तक पहुंचने जा रहीं है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत सरकार शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ‘विद्या प्रवेश कार्यक्रम’ देश के सभी स्कूलों में शुरू हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष शिक्षा से जुड़े सुधार कार्यक्रम के तहत इसकी संकल्पलना रखी थी। शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक ‘ विद्या प्रवेश कार्यक्रम’ के तहत पहली कक्षा में प्रवेश से पहले बच्चों को तीन महीने का एक खास कोर्स करवाया जाएगा। इसमें उन्हें खेलते हुए पहली कक्षा से पहले जरूरी अक्षर और संख्या ज्ञान दिया जाएगा। इसका मकसद है, ‘शिक्षा की शुरुआत से ही नींव को मजबूत करना। ताकि समाज में सभी समान रूप से आगे बढ़ सकें।’
सभी राज्यों को कार्यक्रम भेजा
विद्या प्रवेश कार्यक्रम का प्रारूप सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेज दिया गया है, ताकि इसे समय से अपनाया जा सके। यह शैक्षणिक सत्र 2022-23 से देश के सभी स्कूलों में शुरू हो रहा है। राज्य इसे अपनी जरूरत के हिसाब से लागू करेंगे।
एनसीईआरटी ने तैयार किया प्रारूप
नई शिक्षा नीति के सुझावों पर राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा बच्चों के लिए तीन माह का स्कूल तैयारी प्रारूप ‘विद्या प्रवेश’ तैयार किया है। इस पाठ्यक्रम में बच्चों के लिए अक्षर, रंग, आकार और संख्या सीखने के लिए रोचक गतिविधियां हैं। यह कार्यक्रम बाल वाटिका के सीखने के परिणामों पर आधारित होगा।
इसमें स्वास्थ्य कल्याण, भाषा साक्षरता, गणितीय सोच और पर्यावरण जागरूकता से संबंधित मूलभूत दक्षताओं को विकसित करने के लिए बच्चों तक समान गुणवत्ता पहुंच सुनिश्चित करना है। ‘विद्या प्रवेश कार्यक्रम’ के प्रारूप के अनुसार, इसमें तीन महीनों का खेल आधारित कार्यक्रम रखा गया है जो प्रतिदिन चार घंटे का होगा। यह विकासात्मक गतिविधियों एवं स्थानीय खेल सामग्रियों के उपयोग के साथ अनुभव आधारित शिक्षा को बढ़ावा देता है।