प्रतापगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। 69,000 शिक्षक भर्ती में नौकरी पाने वाली नौ शिक्षिकाओं के टीईटी प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं। सत्यापन में खुलासा होने के बाद भी लिपिकों की मिलीभगत से उन्हें वेतन भुगतान भी हो रहा है। विभागीय कर्मचारी मामले को दबाने में जुटे हैं।
तीन दिन पहले कार्यभार ग्रहण करने वाले बीएसए से मामले को छिपाया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का खेल अभी बंद नहीं हुआ है। अब तक फर्जी दस्तावेज मिलने पर 67 शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है। अब शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का एक नया मामला सामने आया है। विभाग के सूत्रों के मुताबिक, 69,000 सहायक अध्यापकों की भर्ती में नौकरी पाने वाली नौ शिक्षिकाओं के टीईटी प्रमाणपत्र फर्जी मिले हैं। सत्यापन में खुलासा होने के बाद भी कर्मचारी अपने स्तर से मामले को दबाने के प्रयास में जुटे हैं। इन शिक्षिकाओं को नियमित रूप से वेतन का भुगतान किया जा रहा है। इन शिक्षिकाओं ने वर्ष 2016 में टीईटी पास करने का दावा किया था।
मैंने तीन दिन पहले कार्यभार संभाला है। नौ शिक्षिकाओं के
अभिलेख फर्जी मिलने की जानकारी नहीं है। दो लोगों का फर्जीवाड़ा सामने आने पर उनका वेतन रोक दिया गया है। किसी कर्मचारी ने अभी मुझे जानकारी नहीं दी है। भूपेंद्र सिंह, बीएसए