69000 शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 10 दिसंबर की जगह अब चार दिसंबर को होगी। इस मामले की सुनवाई अब जस्टिस दीपांकर दत्ता व जस्टिस संजय करोल करेंगे। आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे भास्कर सिंह व सुशील कश्यप ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर वह सुप्रीम कोर्ट से निश्चित तौर पर जीतेंगे।
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- आदेश : वित्तीय वर्ष 2023-24 में उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच तथा प्राथमिक विद्यालयों में बाल संसद के गठन एवं बालिकाओं की शिक्षा एवं सशक्तिकरण के संबंध में कार्ययोजना के क्रियान्वयन संबंधी दिशा-निर्देश
- Primary ka master: विद्यालयों में “Eco Clubs for Mission LiFE” के अन्तर्गत गतिविधियों के क्रियान्वयन के संबंध में।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन किया है। यही वजह है कि लखनऊ हाईकोर्ट डबल बेंच ने 13 अगस्त को 69000 शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट को रद्द करके नई सूची बनाने के निर्देश दिए हैं।
अभ्यर्थियों ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मामले का जल्द निस्तारण चाहती है तो वह चार दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों के लिए याची लाभ का प्रपोजल पेश करे। इससे किसी भी वर्ग का अहित नहीं होगा।
मालूम हो कि इस मामले में दोनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुनवाई पहले भी दो बार टल चुकी है। अब नई तरीख चार दिसंबर तय हुई है।