प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार चयन प्रक्रिया शुरू होने के बाद पात्रता नियमों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परास्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होने के दौरान किए गए बदलाव को मौजूदा अभ्यर्थी पर लागू करने को सही नहीं माना और विश्वविद्यालय को याची को 50 हजार रुपये मुआवजे के तौर पर देने का आदेश पारित किया। यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने अजय सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया।
याची की ओर से कहा गया कि उसने वूमेन स्टडीज पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा पास की थी। इसके बाद भी प्रवेश नहीं लिया गया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने प्रवेश के नियमों में बदलाव का हवाला दिया था। याची ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आदेश को चुनौती दी। याची अधिवक्ता धनंजय राय ने याची का पक्ष रखा। न्यायमूर्ति ने याची के पक्ष में फैसला सुनाया। संवाद