प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिक्षामित्रों को सम्मानजनक गुजारा भत्ता न देने संबंधी मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर राज्य के वकील ने पत्र के माध्यम से पक्ष रखा। कहा, करीब एक लाख 50 हजार शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि का मामला है। अत्यधिक वित्तीय बोझ है। इसलिए वित्त विभाग को सहमति के लिए रिपोर्ट भेजी गई है।

- अंतः जनपदीय समायोजन अपडेट
- Updatemart : पति का आरोप…शिक्षिका पत्नी ने फर्जी विकलांगता प्रमाणपत्र के सहारे पाई नौकरी
- Updatemart : 08 शिक्षक बर्खास्त, सत्यापन में फर्जी मिले शैक्षिक दस्तावेज; आवंटन के बाद नहीं किया ज्वाइन
- Updatemart : परिषदीय स्कूलों की व्यवस्था पर संकट…शिक्षकों का समायोजन लटका, बच्चों की पढ़ाई होगी प्रभावित
- Updatemart : बिना सूचना के अनुपस्थित पांच और शिक्षकाें पर लटकी कार्रवाई की तलवार
न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की अदालत वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही है। याची के अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 2023 में शिक्षामित्रों को समान कार्य के समान वेतन की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की गई थी। उस पर न्यायालय ने कहा था कि शिक्षामित्रों को भुगतान की जाने वाली मानदेय राशि न्यूनतम है। इसके लिए राज्य एक समिति गठित करे। वित्तीय इंडेक्स के अनुसार जीवन जीने के लिए एक सम्मान जनक मानदेय निर्धारित किया जाए। इस आदेश का पालन नहीं करने पर अवमानना याचिका दाखिल की गई है। अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी।