लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नव वर्ष के पहले दिन बुधवार को उप्र राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में छह से 10 जनवरी तक सभी स्कूल-कालेजों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। कहा कि सड़क सुरक्षा जागरुकता कार्यक्रमों से स्कूली बच्चों को जोड़ते हुए यातायात नियमों से जुड़े विषयों पर नाटक, संगीत, कविता, निबंध, संगोष्ठी, भाषण, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें पांच जनवरी तक हर हाल में संपन्न हो जाएं। मुख्यमंत्री ने स्कूल-कालेजों में रोड सेफ्टी क्लब की तर्ज पर प्रत्येक जिले में सड़क सुरक्षा पार्क बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने महाकुंभ में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए पीआरडी व होमगाडौँ की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं में हर वर्ष प्रदेश में हो रहीं 23-25 हजार मौतों पर चिंता जताते हुए इसे देश व राज्य की क्षति बताया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में दिए निर्देश
• प्रत्येक जिले में बनाए जाएं सड़क सुरक्षा पार्क
• सड़क दुर्घटनाओं में हर वर्ष हो रहीं 25 हजार मौतें
कहा कि यह दुर्घटनाएं जागरुकता के अभाव में होती हैं। सड़क सुरक्षा माह सिर्फ लखनऊ तक सीमित न रहे, इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में संपन्न कराया जाए। हर माह जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें हों, जिसमें पुलिस अधीक्षक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, आरटीओ, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आदि उपस्थित रहें। जिला स्तर पर हुए कार्यों की प्रगति का हर तीसरे महीने शासन स्तर पर मूल्यांकन किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन जिलों व स्थलों को चिह्नित करें, जहां अधिक दुर्घटनाएं संभावित हैं। इसके लिए कारणों का पता करते हुए समाधान की कार्ययोजना बनाई
जाए। ई-रिक्शा व अन्य वाहनों का संचालन नाबालिग न कर पाएं, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। ई-रिक्शा का पंजीकरण जरूर किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर अनिवार्य रूप से साइनेज लगाए जाएं, जिससे लोगों को आवागमन में भी सहूलियत हो। ओवरलोडिंग कतई बर्दाश्त नहीं है। इसे प्रारंभ होने के स्थान पर ही रोका जाए। एक्सप्रेसवे व हाइवे पर लोडेड वाहन भी खड़े रहते हैं, जो दुर्घटना का कारण बनते हैं। इन वाहनों को क्रेन के माध्यम से हटवाया जाए। हेलमेट, सीट बेल्ट तथा सड़क सुरक्षा के अन्य मानकों को अपनाने के लिए जागरुकता कार्यक्रम
चलाकर प्रेरित किया जाए। योगी ने कहा कि किसी वाहन का बार-बार चालान होने पर लाइसेंस परमिट निरस्त किया जाए
इस कार्रवाई को अनिवार्य रूप से फास्टैग से जोड़ा जाए। सूचना, परिवहन व सड़क सुरक्षा से जुड़े विभागों की तरफ से अपील करने वाली होर्डिंग लगाई जाए। इसे सभी 75 जिलों, 350 तहसीलों, 1500 थानों व सभी नगरीय निकायों के बाहर भी लगाया जाए।
मुख्यमंत्री ने ये भी दिए निर्देश
• परिवहन निगम के बस ड्राइवरों की हो नियमित स्वास्थ्य जांच।
• बसों की फिटनेस का रखा जाए पूरा ध्यान।
• हर निकाय में वेंडिंग जोन बनाकर रेहड़ी-पटरी वालों को करें स्थापित।
• सड़कों पर कहीं भी अवैध स्टैंड न लगे, वाहन खड़ा करने के लिए स्थान बनाए जाएं।
● ध्वनि प्रदूषण पर रोकने के लिए बाइकों में मोडिफाईड साइलेंसर व हार्न करें प्रतिबंधित ।
• अवैध बसों का संचालन सख्ती से रोका जाए।
• गैर अनुबंधित बसों का पंजीकरण कर उन्हें निर्धारित रूट प्रदान किया जाए।