नई दिल्ली : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत सिर्फ स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में ही बदलाव नहीं होगा, बल्कि इसके अनुरूप शिक्षकों को तैयार करने के लिए भी नया पाठ्यक्रम बनाया जाएगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के साथ मिलकर इस पर काम भी शुरू कर दिया है। इसमें स्कूली शिक्षा के अलग-अलग स्तरों के लिए शिक्षकों की एक नई जमात तैयार की जाएगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूली शिक्षा के ढांचे में जो बदलाव किया गया है, उनमें मौजूदा पाठ्यक्रम के तहत प्रशिक्षित शिक्षकों के सामने दिक्कत खड़ी हो सकती है। यही वजह है कि पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ शिक्षा मंत्रालय शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी जोर दे रहा है। इसके तहत ‘निष्ठा’ नाम का एक कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें स्कूली शिक्षकों को छोटे बच्चों के साथ ही दिव्यांग बच्चों को भी पढ़ाने और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शिक्षक शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम में पांच से 10 वर्षों में संशोधन का भी प्रस्ताव है। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि शिक्षकों के प्रति बढ़ती अपेक्षाओं को देखते हुए पाठ्यक्रम में एक निश्चित समय में बदलाव जरूरी है।
अधिकारियों के मुताबिक, शिक्षक शिक्षा के पाठ्यक्रम में बदलाव की जरूरत इसलिए भी पड़ी, क्योंकि स्कूली शिक्षा अब 10 प्लस 2 से निकलकर 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 स्तर में बदल गई है। दो की जगह स्कूली शिक्षा अब चार स्तर की हो गई है। इनमें प्री-प्राइमरी भी शामिल
हो गया है। शिक्षक शिक्षा का नया पाठ्यक्रम अब नए ढांचे के आधार पर तैयार होगा। इस नए ढांचे में किस तरह की स्कूली शिक्षा दी जानी है, इसके मुताबिक ही शिक्षक तैयार होंगे। इनमें गेम बेस्ड लर्निंग के साथ कोडिंग, कंप्यूटर शिक्षा व व्यावसायिक शिक्षा का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।