लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद द्वारा दूसरे चरण का आंदोलन 16 अक्तूबर से शुरू हो रहा है। इस दिन सभी जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजा जाएगा। इसमें विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की वेतन विसंगति, पदोन्नति, संविदाकर्मियों के शोषण आदि का मुद्दा उठाया जाएगा।
परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने शनिवार को ऑनलाइन बैठक कर धरना-प्रदर्शन की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि संयुक्त परिषद द्वारा भेजे गए दर्जनों पत्रों के बावजूद भी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों पर वार्ता नहीं हुई है। चकबंदी अधिकारी, फाइलेरिया निरीक्षक, ईसीजी टेक्निशियन, विपणन निरीक्षक सहित कई संवर्गों की वेतन विसंगतियों का निराकरण नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि पदोन्नतियां भी
कई जनपद शाखाओं का पुनर्गठन किया गया
नहीं हो रही हैं। संविदा कर्मियों का शोषण चरम पर है। समाज कल्याण व जनजाति विकास विभाग में शिक्षकों को मनमाने तरीके से सेवा से हटा दिया गया है। इस क्रम में गौतमबुद्धनगर में शिवांगी जयसवाल को अध्यक्ष व चंचल गौतम को मंत्री मनोनीत किया गया है।
वहीं लखनऊ में नितिन गोस्वामी को अध्यक्ष, वीरेंद्र तिवारी को मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। वाराणसी में राजेश श्रीवास्तव को अध्यक्ष व अभिषेक श्रीवास्तव को जिला मंत्री बनाया गया है। परिषद के आंदोलन का तीसरा चरण आठ नवंबर से शुरू होगा। बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण जी दुबे, निरंजन कुमार श्रीवास्तव, रमेश चंद्र राय, विजय श्याम तिवारी, शिवांगी जयसवाल, प्रीति पांडेय आदि शामिल थे।