भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने शनिवार को डिजिटल दौर में लड़कियों की असुरक्षा पर चिंता जताई।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबर धमकी, व्यक्तिगत डेटा और डीपफेक तस्वीरों लड़कियों के लिए चिंता बन गई हैं। उन्होंने इस संदर्भ में विशेष कानून बनाए

जाने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों व नीति निर्धारकों को विशेष प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्य न्यायाधीश ‘बालिकाओं की सुरक्षाः भारत में उनके लिए एक सुरक्षित और सक्षम वातावरण’ की ओर विषय पर शीर्ष अदालत परिसर में राष्ट्रीय वार्षिक हितधारक परामर्श बैठक को संबोधित कर रहे थे। कहा कि देशभर में बालिकाओं को मौलिक अधिकारों और जीवन-निर्वाह के बुनियादी साधनों से भी वंचित रहना पड़ रहा है।